सूर्य नमस्कार के फायदे, नुकसान और समय

सूर्य नमस्कार के फायदे । हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख शान्ति और सम्पन्नता चाहता है । इन प्राप्तियों के लिए हमारा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है । इसके लिए हर व्यक्ति अपने अपने तरीके से प्रयास भी करता है, किन्तु उसे कभी कभी पूर्ण सफलता नहीं मिलती । कुछ लोग सूर्य नमस्कार के माध्यम से भी स्वयं को स्वस्थ रखने का प्रयास करते हैं । प्रस्तुत आलेख में हम जानेंगे कि सूर्य नमस्कार के फायदे क्या क्या हैं जो हमें शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य प्रदान करते हैं ।

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सूर्य नमस्कार क्या है?

हम सभी जानते हैं कि सूर्य से मिलने वाली उष्मा, गर्मी व प्रकाश से सम्पूर्ण विश्व संचालित होता है । इसीलिए भारतीय सनातन संस्कृति में सूर्य को देवतुल्य माना गया है, सूर्य को चेतना और परमात्मा का प्रतीक भी कहा गया है । सूर्यदेव के प्रति कृतज्ञता व सम्मान प्रकट करने हेतु सूर्य नमस्कार की योगविद्या का प्रादुर्भाव हुआ जो हठयोगों में सर्वाधिक प्रचलित योगासन है । साथ ही साथ इसका प्रचालन इसलिए भी शुरू हुआ क्योंकि इसके माध्यम से होने वाले फायदों के आधार पर शारीर और मन को स्वस्थ रखा जा सकता है । सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन होते हैं जो निर्धारित गति व लयबद्ध श्वसन क्रिया के साथ एक विशिष्ट अनुक्रम में किये जाते हैं । आइये जानते हैं कि सूर्य नमस्कार के फायदे क्या क्या हैं  –

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सूर्य नमस्कार के फायदे

सूर्य नमस्कार एक पूर्ण योगासन है । प्रत्येक दिन एक योग सत्र के लिए सूर्य नमस्कार पर्याप्त है जो सम्पूर्ण शरीर को व्यायाम देता है । सूर्य नमस्कार के कई शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं। सूर्य नमस्कार शक्ति निर्माण में मदद करता है । सूर्य नमस्कार के फायदे किसी आयु वर्ग के लोगों के लिए, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए अलग अलग नहीं है, बल्कि सामूहिक रूप से सबके लिए सूर्य नमस्कार फायदेमंद है । फिर भी इसके कुछ फायदों को शारीरिक और मानसिक फायदों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है –

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सूर्य नमस्कार के शारीरिक फायदे

  • हृदय को स्वस्थ बनाता है सूर्य नमस्कार करने से फेफड़ों में प्राणवायू अधिक मात्रा में समाने की क्षमता विकसित होती है । गहरी सांस लेने से श्वसन क्रिया में सुधार होने लगता है । हृदय में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन जाने से वह सही ढ़ंग से काम करता है । हार्ट ब्लॉकेज की सम्भावनाएं लगभग समाप्त हो जाती है ।

  • रक्त संचार में सुधार से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास सूर्य नमस्कार से सम्पूर्ण शरीर का व्यायाम होता है जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार नियमित होने लगता है । नियमित रक्त संचार होने से शरीर की अनेक छोटी मोटी पीड़ाएं समाप्त हो जाती है । इससे शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है ।

  • संतुलन से शरीरिक बनावट में सुधार सूर्य नमस्कार की समस्त मुद्राओं में संतुलन का बहुत महत्व है । इसका अभ्यास करने से शरीर लचीला बनता है जिससे शारीरिक सन्तुलन स्थापित करना आसान हो जाता है । साथ ही साथ शरीर से अनावश्यक चर्बी का नाश होने से शारीरिक बनावट और सुडौलता में सुधार आता है ।

  • खेलकूद की क्षमता का विकास एक खिलाड़ी के लिए सूर्य नमस्कार के फायदे गिनाए नहीं जा सकते । हर खेल में शारीरिक क्षमता, चपलता और अथकपन की आवश्यकता होती है । सूर्य नमस्कार का अभ्यास एक इतना गुणकारी है कि यह हमारे शरीर को हर प्रकार के खेलों में भाग लेने के योग्य बनाता है । इसका अभ्यास करने वाला हर खेल में अपनी प्रतिभा निखारकर सफल हो सकता है ।

  • पाचन क्रिया में सुधार से सन्तुलित वजन अक्सर महिलाएं अधिक वजन बढने कि समस्या से परेशान रहती हैं । वजन कम करने और नियंत्रित रखने के लिए यह व्यायाम फायदेमंद है । सूर्य नमस्कार करने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है, जिससे पेट की आंतों में जमे विषाक्त पदार्थ नष्ट होने लगते हैं । पाचन तंत्र सही ढ़ंग से काम करता है । अनावश्यक चर्बी कम होने से शरीर का वजन सन्तुलित रहता है ।

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महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार के फायदे

महिलाएं यदि सूर्य नमस्कार का अभ्यास नियमित रूप से करें तो उन्हें इसके बहुत से फायदे मिल सकते हैं । ऊपर बताए गये फायदे उठाने के साथ साथ सूर्य नमस्कार के निम्नांकित फायदे भी महिलाऐं ले सकती हैं ।

  • बेहतर मासिक धर्म चक्र अक्सर महिलाएं अपने मासिक धर्म की अनियमितता को लेकर चिन्तित रहती हैं । सही विधि से सूर्य नमस्कार किया जाए तो यह महिलाओं का मासिक धर्म चक्र नियमित करने के साथ साथ उस दौरान होने वाली अन्य तकलीफों को भी ठीक करने में सहयोगी है । सूर्य नमस्कार के फायदे अन्य स्त्री रोगों में भी धीरे धीरे नजर आने लगते हैं । इसलिए महिलाओं को सूर्य नमस्कार अवश्य करना चाहिए ।

  • बेहतर त्वचा स्वास्थ्य अपने चेहरे को सुन्दर दिखाने के लिए महिलाओं को अक्सर कृतिम सौन्दर्य प्रसाधनों का उपयोग करना पड़ता है जो उनकी त्वचा के लिए कभी कभी घातक भी हो सकता है । सूर्य नमस्कार के फायदे इतने हैं कि उन्हें सुन्दर दिखने के लिए कृत्रिम संसाधनों का उपयोग करने की भी कम से कम आवश्यकता पड़ेगी । सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास शरीर में रक्त संचार को सुधारता है जिससे त्वचा में निखार आने लगता है । चेहरे पर प्राकृतिक रूप से लावण्य व चमक आने लगती है ।

  • शारीरिक लचीलेपन में सुधार जो महिलाऐं नृत्य कला का अभ्यास करती हैं, उनके लिए सूर्य नमस्कार के फायदे बहुत हैं । सूर्य नमस्कार में मुद्राओं का क्रम इतना व्यवस्थित है जो पूरे शरीर को फैलाने और खोलने में उपयोगी है जिससे मांसपेशियों और जोड़ों का लचीलापन सुधर जाता है । सूर्य नमस्कार शरीर के प्रत्येक अंग के मध्य आपसी तालमेल बिठाता है । इससे सम्पूर्ण मांसपेशियां सामुहिक रूप से कार्य करने लगती है । इससे मांसपेशियों की ताकत बढ़ने से नृत्य कला का अभ्यास करना सहज होता है ।

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सूर्य नमस्कार के मानसिक लाभ

हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार के फायदे अनेक हैं । शुद्ध भावना से यदि सूर्य नमस्कार किया जाऐ तो इसके अनेक आध्यात्मिक लाभ भी उठाए जा सकते हैं । आईए जानते हैं मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सूर्य नमस्कार के फायदे क्या क्या हैं –

  • एकाग्रता बढ़ाकर मानसिक तनाव घटाता है सूर्य नमस्कार का लयबद्ध अभ्यास करने से हमारी श्वासों की गति भी लयबद्ध हो जाती है । फलस्वरूप हमारी ग्रन्थियां सकारात्मक द्रव्य उत्सर्जित करने लगती है और हमारा मन नकारात्मक और व्यर्थ विचारों से मुक्त होकर शान्त रहने लगता है । शान्त मन से हम हर कार्य एकाग्र होकर कर सकते हैं । इसलिए बच्चों के शारीरिक विकास के साथ साथ एकाग्रता के लिए सूर्य नमस्कार अत्यन्त ही लाभकारी है। यह उनकी एकाग्रता में उत्तरोत्तर वृद्धि करता है । हम मानसिक रूप से स्वयं को स्वस्थ अनुभव करने लगते हैं ।

  • नींद में सुधार सूर्य नमस्कार का अभ्यास हमें मानसिक तनाव से छुटकारा दिलाता है । हम धीरे धीरे चिन्ता, भय, उद्विग्नता जैसे मनोरोगों से मुक्त होने लगते हैं । यह अभ्यास करने से मन शान्त रहने लगता है जिससे अच्छी और गहरी नींद का आनन्द लेना आसान हो जाता है ।

  • सकारात्मक सोच से रचनात्मक कार्य सूर्य नमस्कार का अभ्यास हमारी मानसिक शान्ति का विकास करता है । मानसिक शान्ति से हमारे अन्दर सकारात्मक सोच का समग्र विकास होता है । हमें नकारात्मक और व्यर्थ विचारों से मुक्ति मिलती है और हम अपने जीवन का अनमोल समय आत्म सन्तुष्टि देने वाले रचनात्मक कार्यों में लगा सकते हैं ।

  • स्वस्थ जीवन शैली की मानसिकता सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करना एक प्रकार से स्वयं की देखभाल का तरीका है । अच्छा स्वास्थ्य, तनाव मुक्त जीवन, गहरी नींद और सफल जीवन की कामना रखने वाले अपनी दिनचर्या में इस अभ्यास को अवश्य शामिल करते हैं । यह अभ्यास हमारे अन्दर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की मानसिकता का विकास करता है ।

सूर्य नमस्कार के अध्यात्मिक लाभ

  • आध्यात्मिक विकास सूर्य नमस्कार हमारे मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य बिठाकर आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाता है। यह अभ्यास ध्यान को बढ़ाने और आध्यात्मिक समझ को गहरा करने में मदद करता है। आत्म चिन्तन और ध्यान में रुचि रखने वालों के लिए सूर्य नमस्कार के फायदे बहुत हैं । यह अभ्यास हमारे भीतर असीम आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है, जो हमारी आत्म स्मृति को बढ़ाता है । आत्म स्मृति बढ़ने से परमात्मा से मन की तार जोड़ना भी सहज हो जाता है ।

  • स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास हमें अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करता है । देर से सोना, गलत खानपान, नशा आदि अस्वास्थ्यकारी आदतों से हमें छुटकारा मिल जाता है । साथ ही साथ स्वयं को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शुद्ध, पौष्टिक और गुणकारी आहार के प्रति हमारी रुचि जागृत होने लगती है । विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, विटामिन व प्रोटीनयुक्त आहार की हमारे भोजन प्राथमिकता बढ़ने लगती है ।

  • सूर्य नमस्कार से सम्पूर्ण शुद्धिकरण सूर्य नमस्कार का अभ्यास हमारे शरीर और मन की रजोगुणी अवस्था को सतोगुणी अवस्था की ओर लेकर जाता है । इसलिए यह अभ्यास निरन्तर करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मन, बुद्धि और आत्मा का भी शुद्धिकरण हो जाता है । हमारे संस्कार, व्यवहार और आचरण में सतोगुण स्वतः ही परिलक्षित होने लगते हैं ।

सूर्य नमस्कार के नुकसान

कभी कभी सूर्य नमस्कार के फायदे के चक्कर में हम उन परिस्थितियों की उपेक्षा करने लगते हैं जिनमें सूर्य नमस्कार के नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं । आईए जानते हैं कि किन परिस्थितियों में अभ्यास करने से हमें सूर्य नमस्कार के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं –

  • मासिक धर्म व गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए इन दोनों ही परिस्थितियों में सूर्य नमस्कार के नुकसान हो सकते है, क्योंकि इसके अभ्यास से शरीर के उन अंगों को अनावश्यक दबाव व खिंचाव सहन करना पड़ता है जिससे अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है ।

  • उक्त रक्तचाप और हृदय रोगी जो लोग उक्त रक्तचाप और हृदय रोग से ग्रसित हैं, उन्हें सूर्य नमस्कार का अभ्यास नहीं करना चाहिए । यदि उनकी यह अभ्यास करने की इच्छा है तो वे योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में ही यह अभ्यास करें । अन्यथा यह अभ्यास उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है ।

  • ऑपरेशन से ठीक हुए मरीज निकटभूत में जिनकी शल्य चिकित्सा हुई है और उन्हें चिकित्सक द्वारा आराम करने की सलाह दी गई है, उन्हें यह अभ्यास चिकित्सक की अनुमति मिले बिना शुरू नहीं करना चाहिए ।

  • स्लिप डिस्क के मरीज स्लिप डिस्क के कारण कमर दर्द से ग्रसित लोगों को सूर्य नमस्कार का अभ्यास नहीं करना चाहिए । यह अभ्यास उनके कमर दर्द को और बढ़ा सकता है । साथ ही साथ गर्दन के दर्द से पीड़ित लोगों को भी यह अभ्यास प्रशिक्षक की अनुमति के बिना नहीं करना चाहिए । अन्यथा उन्हें असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ सकती है ।

सूर्य नमस्कार करने का सही समय व स्थान

सूर्य नमस्कार के फायदे तभी मिल सकते हैं जब सूर्याेदय से ठीक पहले व सूर्याेदय का समय ही इस अभ्यास को करने का सही समय माना जाता है । इस समय प्रकृति के पांचों तत्व शान्त होते हैं और चारों ओर प्राणवायु का प्रवाह सर्वाधिक मात्रा में होता है । इसलिए ऐसे समय पर यह अभ्यास करने से सर्वाधिक लाभ मिलता है । समतल और खुला स्थान जहां से सूर्याेदय होता हुआ स्पष्ट दिखाई दे, वही स्थान सूर्य नमस्कार के फायदे लेने के लिए उपयुक्त होता है जो सूर्य की ऊर्जा से जुड़ने के लिए भी उपयुक्त होता है । खुले स्थान के अभाव में घर के अन्दर हवादार कक्ष में भी अभ्यास कर सकते हैं ।

अन्तिम शब्द

प्रस्तुत आलेख में जितने भी सूर्य नमस्कार के फायदे बताए गए हैं, उनके अलावा भी फायदे हो सकते हैं । लेकिन सूर्य नमस्कार के फायदे प्राप्त करने से पहले समझदारी पूर्वक इसके नुकसानों को ध्यान में रखना भी आवश्यक है । समझदारी से और सही ढ़ंग से सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करने वाला व्यक्ति खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बना सकता है ।

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