जीवन का प्रत्येक क्षण सुख–शान्ति से व्यतीत करने की इच्छा होते हुए भी हमने अपनी दिनचर्या को इतना जटिल बना लिया है कि न चाहते हुए भी तनाव और चिन्ता स्थाई रूप से हमारे जीवन में विद्यमान हो गई है । तनाव और चिन्ता को हमने न चाहते हुए भी जीवन का अभिन्न अंग बना लिया है । केवल तनाव के कारण ही अनेक शारीरिक व्याधियां उत्पन्न होती है और जीवन में निरसता आने लगती है ।
अन्य समस्याओं की तरह तनाव और चिन्ता का भी हर व्यक्ति सरल समाधान ही चाहता है । खुशहाल जीवन व्यतीत करने के लिए तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय करना आवश्यक है । इसके लिए हमें अपनी चेतना के पांच चरणों पर आवश्यक परिवर्तन करना होगा । तो आईए आत्म संशोधन के पांच चरणों को समझदारी से अपनाकर तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय करके जीवन का वास्तविक आनन्द प्राप्त करें –
पहला उपाय –
चिन्ता करने की आदत का त्याग करें –
तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय में सबसे प्रथम उपाय यही है कि हम चिन्ता करने की आदत का त्याग करें । असामान्य रूप से अधिक और नकारात्मक रूप से सोचने वाले चिन्ताग्रस्त लोगों को यही लगता है कि उनके जीवन में कुछ भी ठीक नहीं हो रहा । बार बार उत्पन्न किए गए नकारात्मक विचार हमारे मन में चिपककर गाढ़ा रूप ले लेते हैं, जिन्हें आसानी से निकाल पाना सम्भव नहीं होता । हमारी भावनाओं और इच्छाओं के विपरीत घटित हुई घटनाएं मन में निराशा उत्पन्न करती है जो कालान्तर में तनाव और चिन्ता का रूप ले लेती है । यही तनाव और चिन्ता अनेक मनोरोगों को जन्म देती है ।
चिन्ता करने की आदत का समाधान करें –
निश्चित रूप से चिन्ताग्रस्त मन को यह समझा पाना कठिन है कि हर घटना में कोई न कोई कल्याण समाया है । किन्तु दृढ़ता के साथ स्वयं में आध्यात्मिक दृष्टिकोण विकसित करते हुए बार बार स्वयं को यह समझाने का प्रयास करना चाहिए कि हर घटना में मेरा व सबका कल्याण समाया है ।
आध्यात्मिकता का महत्व समझें –
निश्चित रूप से आध्यात्मिकता हमें तनावमुक्त और मानसिक रूप से हल्का बनाती है । जीवन में विकसित की गई आध्यात्मिक समझ हमें आन्तरिक रूप से शक्तिशाली बनाती है जिससे नकारात्मक विचारों के फलस्वरूप अतीत में जमा किए गए कर्मों के हिसाब किताब भी हल्के होते हैं । तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपायों में से यह एक महत्वपूर्ण उपाय है जो मन के स्तर पर किया जाता है ।
अपने मन को समझाने वाली महत्वपूर्ण बात –
स्वयं को यह समझाने का प्रयास करना चाहिए कि प्रत्येक घटना मेरे लिए एक परीक्षा है जो मेरे बेहतर भविष्य का निर्माण करेगी । यह स्लोगन हमेशा याद रखें – ‘‘अतीत में जो हुआ, वह सब अच्छा हुआ था, तो वर्तमान में हो रहा है, वह भी अच्छा है और भविष्य में भी सबकुछ अच्छा होगा ।’’
अपने सुन्दर भविष्य के निर्माता बनें –
हमें वर्तमान की प्रत्येक कठिन परिस्थिति में भी स्वयं को स्थिर रखकर हिम्मत से अपने सुन्दर भविष्य का निर्माण करना है । अपने प्रत्येक दिन का प्रारम्भ सकारात्मक विचारों से करने से निश्चित रूप से तनावमुक्त और चिन्ता रहित बनने में सफलता प्राप्त होगी ।
जीवन को सुखी बनाने की सहज विधि जानने के लिए यहां क्लिक करें
दूसरा उपाय –
समय से आगे न भागें, अपनी गति नियन्त्रित रखें –
तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय में दूसरा उपाय है कि हम अपनी दिनचर्या और कार्यशैली में हड़बड़ाहट और जल्दबाजी की आदत का त्याग करें । कुछ न कुछ हासिल करते हुए हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करते रहना आवश्यक है । किन्तु किसी भी प्रकार की प्रगति व उन्नति के लिए जल्दबाजी और हड़बड़ाहट तनाव और चिन्ता को जन्म देकर हमारे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को क्षति पहुंचा सकती है ।
उपलब्ध्यिों के बदले स्वास्थ्य की कीमत न चुकाएं –
किसी कार्य में अकारण होने वाले विलम्ब के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए क्योंकि जल्दबाजी करने से हमारी मनोस्थिति बुरी तरह से प्रभावित होती है जिससे घबराहट और अद्विग्नता का जन्म होता है । हमारी शारीरिक व मानसिक ऊर्जा का क्षय होता है । तनावपूर्ण मनोदशा हमारे आचरण को प्रभावित करेगी, जिससे अन्य लोग असहजता महसूस करेंगे । जल्दबाजी और हड़बड़ाहट से उत्पन्न तनाव भले ही हमें अनेक उपलब्धियां दिलाए लेकिन यह आदत कालान्तर में हमारा शारीरिक, मानसिक और व्यावहारिक स्वास्थ्य स्थाई रूप से बिगाड़ती है । अपने अनमोल स्वास्थ्य की कीमत चुकाकर छोटी मोटी उपलब्धियों को हासिल करने का विचार त्याग देना चाहिए ।
मानसिक शान्ति को प्राथमिकता प्रदान करें –
अपने जीवन के लिए महत्वपूर्ण कार्यों की सुची बनाएं और उन्हें प्राथमिकता से निपटाएं । व्यस्त जीवन होते हुए भी अपने आराम और मानसिक शांति के लिए समय आवश्य निकालें । तभी आप तनाव रहित होकर समस्त जिम्मेदारियों को निभाते हुए दीर्धकालिक सफलताओं के साथ साथ जीवन के प्रत्येक क्षण का आनन्द ले पाएंगे ।
तीसरा उपाय –
स्वयं को विश्व नाट्यमंच का अभिनेता समझें –
तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय में तीसरा समाधान यही है कि हम स्वयं को सृष्टि रूपी नाट्यमंच पर श्रेष्ठ भूमिका निभाने वाला एक अभिनेता समझें । किसी चलचित्र में अनेक कलाकारों द्वारा अभिनय किया जाता है । प्रत्येक कलाकार को यह स्मृति अवश्य रहती है कि उस चलचित्र की हद तक उसे प्रदान की गई एक भूमिका निभाने वाला एक अभिनेता है । वह कभी भी अपनी भूमिका के प्रति आसक्त नहीं होता । उसे यह याद रहता है कि अपनी भूमिका निभाने के पश्चात् उसे अपने घर भी लौटना है ।
अपनी सत्य शाश्वत पहचान न भूलें –
स्वयं की शाश्वत सत्य पहचान भूलना ही जीवन में तनाव आने का एक महत्वपूर्ण कारण है । यह सदा स्मृति में रहे कि मैं एक आत्मा हूँ जो अपने शरीर में विराजमान होकर अपना पात्र निभा रही हूँ । मेरी इस शरीर में निभाई जाने वाली भूमिका अस्थाई है । मेरी भूमिका समाप्त होते ही मेरा शरीर रूपी वस्त्र भी बदल जाएगा । मैं अपने सत्य आत्मिक स्वरूप में गुणों और शक्तियों से सम्पन्न हूँ । मानसिक तनाव और चिन्ता तभी कम होती है जब हम अपनी शारीरिक पहचान से पृथक अपनी सत्य आत्मिक पहचान पर स्वयं को केन्द्रित करते हैं ।
दूसरों की भूमिका बदलने का प्रयास न करें –
स्वयं को विश्व नाट्यमंच का अभिनेता समझने के साथ साथ औरों को भी उसी दृष्टि से देखना चाहिए । यह याद रखें कि दूसरे अभिनेताओं का अभिनय हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं हो सकता । यदि किसी का अभिनय अर्थात् कर्म व्यवहार बदलने व नियन्त्रित करने का प्रयास किया जाता है तो मानसिक तनाव अवश्य उत्पन्न होगा । साथ ही साथ आपसी सम्बन्ध बिगड़ेंगे और आसपास का वातावरण भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा ।
आत्मा का स्वरूप जानने के लिए यहां क्लिक करें
चौथा उपाय –
अपने मन पर स्वयं का नियन्त्रण रखें –
तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय में चौथा उपाय है कि हमारे ऊपर किसी और के विचारों का प्रभाव न पड़े । हमारे विचार, भावनाएं और दृष्टिकोण से हमारा जीवन संचालित होता है । कमजोर मन के कारण इन पर दूसरे लोगों का शासन चलता है जो तनाव का मुख्य कारण है ।
स्वयं पर स्वयं का शासन चलाएं –
उदाहरण के लिए यदि कोई हमें यह आदेश देता है कि आज आपको आज पूरे दिन मेरे कहने पर ही हाथ उठाना है, पांव चलाना है या अपनी पलकें झपकाना है । इस प्रकार का निर्देश मानने के लिए आप कतई राजी नहीं होंगे । ठीक इसी प्रकार हमारे विचारों, भावनाओं और दृष्टिकोण भी किसी और के द्वारा नियन्त्रित नहीं किए जाने चाहिए । अपने मन, बुद्धि और विवेक के स्वयं मालिक बनकर उनका उपयोग करना चाहिए ।
दूसरों के दुष्प्रभाव से स्वयं को बचाएं –
समझने वाली मुख्य बात यही है कि दूसरे लोगों के नकारात्मक विचारों या विपरीत परिस्थितियों से हमारे विचारों और भावनाओं में नकारात्मकता उत्पन्न नहीं होनी चाहिए बल्कि हमारे विचार हमेशा पोजिटीव, शांतिपूर्ण और शक्तिशाली होने चाहिए । अपने मन के मालिक बनकर हम तनाव को सहज रूप से मिटा सकते हैं ।
स्वयं को सकारात्मकता से पोषित करें –
इसलिए तनावमुक्त रहने के लिए अपने मन को प्रतिदिन इन्हीं सकारात्मक और शक्तिशाली विचारों से पोषित करना चाहिए कि मैं अपने स्वयं के विचारों को नियन्त्रित कर सकता हूँ। मेरा प्रत्येक संकल्प पोजिटिव है। कोई भी परिस्थिति मेरे आत्मविश्वास और हौसले को प्रभावित नहीं कर सकती । मैं हर नकारात्मक परिस्थिति को अपने सकारात्मक विचारों से समाप्त करने में समर्थ हूँ ।
जीवन का हर लम्हा हसीन बनाने की विधि
पांचवां उपाय –
तनाव स्वीकार करने की आदत छोड़ें –
तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय में पांचवां उपाय है कि तनाव को कभी भी अपने जीवन का हिस्सा न समझें । कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं कि थोड़ा बहुत तनाव होना तो सामान्य बात है । यह एक असामान्य और अप्राकृतिक मानसिकता है जो तनाव को हमारे ऊपर हावी होने का अवसर देती है, जिससे धीरे धीरे हम तनाव के साथ जीने के आदी हो जाते हैं । यही तनाव हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान करता है ।
तनाव को रोमांच समझने की भूल न करें –
कुछ लोग कहते हैं कि तनाव हमें रोमांचित करता है । लेकिन उन्हें यह ज्ञान नहीं है कि लम्बे समय तक तनावग्रस्त रहने से अनेक प्रकार की मानसिक व्याधियां हमारे मनोबल को दुर्बल करती है । तनाव वह शत्रु है जो हमारे विवेक का हरण करके हमारा सबकुछ नष्ट कर सकता है ।
तनावमुक्त रहकर समस्याओं का समाधान करें –
निश्चित रूप से वर्तमान समय में समस्याएं और चुनौतियां कम नहीं है और उनका सामना भी करना है । लेकिन उसके लिए मानसिक तनाव पालना गलत है । यह हमारा भ्रम ही है कि तनाव के बिना किसी भी समस्या का समाधान असम्भव है । तनावरहित और चिन्तामुक्त रहकर भी हर चुनौती का सामना किया जा सकता है । तनावमुक्त जीवन का आनन्द लेना आपका अधिकार है ।
भ्रामक सूचनाओं और जानकारियों से बचें –
वर्तमान युग में हम चारों ओर से विभिन्न सूचनाओं और जानकारियों से घिरे हुए हैं । किसी एक विषय पर अनेकानेक विरोधाभासी ज्ञान के कारण हम किसी एक मत पर कायम नहीं रह पाते हैं । इस कारण हम अपने जीवन के अनेक महत्वपूर्ण निर्णय या तो ले नहीं पाते या गलत निर्णय कर लेते हैं । इसलिए किसी भी सूचना या जानकारी को आध्यात्म की कसौटी पर परखकर ही अन्तिम निर्णय लेना चाहिए ।
अन्तिम शब्द
सुखद और शान्तिपूर्ण जीवन जीने के लिए स्वयं को तनावमुक्त और चिन्तारहित रखना आवश्यक है । जीवन से तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय अपनाकर हम चिन्तामुक्त हो सकते हैं । तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय कुछ और भी हो सकते हैं किन्तु जितने भी तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय इस आलेख में बताए गए हैं, वे आपके जीवन की दिशा बदलने के लिए पर्याप्त है । तनाव मिटाने के ये उपाय अपनाकर आप सुखद जीवन व्यतीत करने में सफल हो सकते हैं ।
ऊँ शान्ति
2 thoughts on “तनाव मिटाने के आध्यात्मिक उपाय”